आने वाली पीढ़ी को वैदिक संस्कृति से जोड़ना जरूरी – वैद्य टेक वल्लभ

आने वाली पीढ़ी को वैदिक संस्कृति से जोड़ना जरूरी – वैद्य टेक वल्लभ

दिनांक : 2025-10-26 20:07:00

रुड़की : आयुर्वेद के प्रवर्तक भगवान श्री धन्वंतरि की जयंती के पावन अवसर पर, भारत तिब्बत सहयोग मंच (बीटीएसएम) ने युवाओं को भारतीय संस्कृति और स्वस्थ जीवनशैली से जोड़ने का एक अनूठा प्रयास किया। इसी क्रम में, मंच की ओर से रुड़की स्थित योगी मंगलनाथ सरस्वती विद्या इंटर कॉलेज में छात्रों के साथ एक विशेष संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम न केवल आयुर्वेद के महत्व को रेखांकित करने वाला था, बल्कि वर्तमान जीवनशैली की चुनौतियों का सामना करने के लिए छात्रों को प्राचीन ज्ञान और आधुनिक समझ से लैस करने का महत्वपूर्ण मंच भी बना।

प्रधानाचार्य ने संभाला कार्यक्रम का संचालन

इस प्रेरणादायक संवाद कार्यक्रम का संचालन कॉलेज के कर्मठ प्रधानाचार्य आकाश महेश्वरी जी ने स्वयं किया, जो छात्रों के सर्वांगीण विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में भारत तिब्बत सहयोग मंच के प्रदेश मंत्री और वरिष्ठ समाजसेवी, वैद्य टेक वल्लभ जी उपस्थित रहे। उन्होंने छात्रों से सीधा संवाद स्थापित करते हुए उन्हें भारतीय ज्ञान परंपरा के मूल तत्वों से परिचित कराया।

वैदिक प्रश्नोत्तरी और पुरस्कार वितरण

वैद्य टेक वल्लभ ने बच्चों के ज्ञान को परखने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए वैदिक संस्कृति और आयुर्वेद पर आधारित एक रोचक प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया। सही उत्तर देने वाले छात्रों को तुरंत पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया, जिससे कार्यक्रम में उत्साह और प्रतिस्पर्धा का माहौल बना रहा। अपने संबोधन में वैद्य टेक वल्लभ ने एक महत्वपूर्ण सिद्धांत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि “वेद शास्त्रों का कोई भी मंत्र, सिद्धांत, शब्द या अक्षर कभी गलत सिद्ध नहीं हुआ है। हमारी प्राचीन जीवनशैली विज्ञान पर आधारित है।” उन्होंने छात्रों को अपनी संस्कृति पर गर्व करने और उसके ज्ञान को आत्मसात करने के लिए प्रेरित किया।

जंक फूड को कहें ‘ना’, देसी फास्ट फूड को अपनाएं

कार्यक्रम का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा आहार और पोषण पर केंद्रित रहा। वैद्य टेक वल्लभ ने वर्तमान पीढ़ी को जंक फूड से दूर रहने की सख्त सलाह दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि मैगी, मोमोज, हॉट डॉग जैसे वर्तमान प्रचलित फास्ट फूड की तुलना में भारतीय व्यंजन कहीं अधिक पौष्टिक, हानि रहित और वास्तव में ‘तेज’ (फास्ट) हैं। उन्होंने छात्रों को भारतीय फास्ट फूड के स्वस्थ विकल्प सुझाए, जिनमें शामिल हैं:

  • भुना चना
  • मुरमुरा
  • सत्तू
  • मठरी
  • पौष्टिक बिस्किट
  • मखाना
  • ड्राई फ्रूट्स

उन्होंने कहा कि ये खाद्य पदार्थ न केवल ऊर्जा प्रदान करते हैं बल्कि शरीर को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाते।

मोबाइल उपयोग में संयम और आउटडोर गेम्स की अनिवार्यता

स्वस्थ रहने के लिए जीवनशैली में संतुलन पर जोर देते हुए वैद्य टेक वल्लभ ने कहा कि मोबाइल का प्रयोग केवल आवश्यकता अनुसार ही करना चाहिए। बच्चों को अपनी शारीरिक और मानसिक तंदुरुस्ती के लिए नियमित रूप से आउटडोर गेम्स (बाहरी खेल) खेलने की आदत डालनी चाहिए।

हर्बल अमृतपेय का सेवन और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति

इस अवसर पर छात्रों को आयुर्वेद के महत्व को समझाते हुए विशेष हर्बल अमृतपेय का सेवन भी कराया गया, जिसने सभी को तरोताजा कर दिया।

संवाद कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्तियों ने अपने विचार रखे और छात्रों का मार्गदर्शन किया। इनमें भारतीय ब्रह्म सभा के अध्यक्ष अरविंद भारद्वाज, भारत तिब्बत सहयोग मंच के प्रांत प्रचार प्रमुख संजय चटवाल, गोस्वामी समाज के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बन गोस्वामी, आयुर्वेद कॉलेज के अवकाश प्राप्त प्रिंसिपल डॉक्टर गोपाल कृष्ण शर्मा, डॉ इंद्रेश पुष्करणा और भाजपा मंडल उपाध्यक्ष राहुल कंडारी प्रमुख रूप से शामिल थे।

कार्यक्रम के अंत में, भारत तिब्बत सहयोग मंच और सभी उपस्थित अतिथियों की ओर से कॉलेज के प्राचार्य आकाश महेश्वरी और सभी आचार्य गणों के प्रति सफल आयोजन के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया गया।

Admin