उत्तराखण्ड पुलिस ने आयोजित किया देश का तीसरा पुलिस हैकाथॉन-“हैकाथॉन 3.0” सफलतापूर्वक सम्पन्न

उत्तराखण्ड पुलिस ने आयोजित किया देश का तीसरा पुलिस हैकाथॉन-“हैकाथॉन 3.0” सफलतापूर्वक सम्पन्न

दिनांक : 2025-11-21 12:11:00

  • हैकाथॉन 3.0 ने पूरे देश के टेक उत्साही युवाओं के लिए अपने द्वार खोले
  • तीसरा पुलिस हैकाथॉन आयोजित करने वाली भारत की पहली राज्य पुलिस
  • देवभूमि उत्तराखण्ड हैकाथॉन सफलतापूर्वक सम्पन्न

देहरादून : देवभूमि उत्तराखंड का प्रमुख राष्ट्रीय इनोवेशन चैलेंज हैकाथॉन 3.0 पूरे देश के तकनीकी उत्साही युवाओं के लिए सफलतापूर्वक आयोजित किया गया, जिसे युवा नवप्रवर्तकों से अप्रत्याशित रूप से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। इस वर्ष, 129 टीमों ने 27 अक्टूबर से 8 नवंबर 2025 तक की पंजीकरण अवधि में अपने रचनात्मक और उच्च प्रभाव वाले विचार प्रस्तुत किए।

9 नवंबर 2025 को आयोजित प्रीलिम राउंड में सभी टीमों ने छह घंटे की समयावधि में अपनी कॉन्सेप्ट प्रेजेंटेशन जमा कीं। प्रत्येक विचार का नवाचार, तकनीकी गुणवत्ता, व्यवहार्यता और डिजिटल पुलिसिंग पर संभावित प्रभाव के आधार पर कठोर बहु-स्तरीय मूल्यांकन किया गया। गहन समीक्षा के बाद, 15 टीमों का चयन ऑन-साइट फाइनल के लिए किया गया, जहाँ उन्हें अपने विचारों को वास्तविक, कार्यशील प्रोटोटाइप में बदलने की चुनौती दी गई।

ग्रैंड फिनाले 18 नवंबर 2025 को पुलिस लाइन, देहरादून में आयोजित किया गया, जहाँ 13 फाइनलिस्ट टीमों ने 36 घंटे के बेहद चुनौतीपूर्ण नॉन-स्टॉप हैकाथॉन में भाग लिया। प्रतिभागियों ने अपनी सीमाओं को पार करते हुए धैर्य, टीमवर्क और उच्च स्तरीय कोडिंग कौशल का प्रदर्शन किया, और ऐसी तकनीकी समाधान प्रस्तुत किए जो कानून प्रवर्तन और सार्वजनिक सुरक्षा के भविष्य को बदलने की क्षमता रखते हैं।

प्रतिभागियों ने आधुनिक पुलिसिंग से जुड़े महत्त्वपूर्ण और वास्तविक चुनौती क्षेत्रों पर काम किया। छात्रों द्वारा विकसित समाधान ये रहे –

  • ओएसआईएनटी एवं थ्रेट एक्टर प्रोफाइलिंग ऑटोमेशन
  • त्वरित थ्रेट एक्टर पहचान के लिए स्वचालित ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस टूल।
  • डार्क वेब एवं डीप वेब इंटेलिजेंस टूल्स
  • छिपे हुए ऑनलाइन बाज़ारों पर अवैध गतिविधियों की निगरानी करने वाली प्रणाली।
  • कानून प्रवर्तन के लिए सुरक्षित संचार प्रणाली
  •  पुलिस इकाइयों के लिए सुरक्षित, एन्क्रिप्टेड और छेड़छाड़-रोधी संचार प्लेटफ़ॉर्म।
  •  डिजिटल मनी ट्रेल एवं क्रिप्टो इंटेलिजेंस सिस्टम
  • संदिग्ध क्रिप्टो लेनदेन का पता लगाने हेतु ब्लॉकचेन आधारित ट्रेसिंग टूल।
  •  डिजिटल फोरेंसिक ऑटोमेशन – टावर डंप / CDR / IPDR
  •  टेलीकॉम मेटाडेटा के तेज़ विश्लेषण के लिए एआई-आधारित फोरेंसिक प्लेटफ़ॉर्म।
  •  थ्रेट इंटेलिजेंस एग्रीगेशन एवं अलर्टिंग सिस्टम
  •  कई स्रोतों से मिली इंटेलिजेंस को एकीकृत कर वास्तविक-समय एलर्ट देने वाला इंजन।
  •  नेटवर्क एवं पैकेट फोरेंसिक प्लेटफ़ॉर्म
  •  नेटवर्क ट्रैफिक का विश्लेषण कर हमलों, घुसपैठ या मालवेयर का पता लगाने का टूलकिट।
  •  ओएसआईएनटी / वीडियो एनालिटिक्स फॉर सर्विलांस एन्हांसमेंट
  •  चेहरा पहचान, वस्तु ट्रैकिंग और असामान्य गतिविधि पहचान के लिए एआई-पावर्ड वीडियो एनालिटिक्स।
  •  स्मार्ट पुलिसिंग – ओपन-एंडेड इनोवेशन ट्रैक
  •  पुलिसिंग दक्षता, अपराध पूर्वानुमान और फील्ड ऑपरेशन बेहतर बनाने वाले नवाचार समाधान।
  •  ब्लॉकचेन आधारित वित्तीय धोखाधड़ी ट्रेसबिलिटी सिस्टम
  •  वित्तीय जांच के लिए छेड़छाड़-रोधी ब्लॉकचेन लेज़र सिस्टम।
  • हैकाथॉन में 1500 छात्रों, 250 टीमों, और प्रेरणादायक 200 महिला कोडर्स की भागीदारी रही, जो राष्ट्रीय सुरक्षा नवाचार में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है।

हैकाथॉन 3.0 में प्रथम स्थान TEAM N/A (Team-15), द्वितीय स्थान- TEAM VOLDEBUG & ALGORYTHM और TEAM BYTE SHIELD & QUADRATECH ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

समापन समारोह में मुख्य अतिथि पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने कहा कि हैकाथॉन 3.0 ने फिर साबित किया कि भविष्य की पुलिसिंग तकनीक आधारित होगी और इसे आगे ले जाने का नेतृत्व हमारे देश के युवा तकनीकी मस्तिष्क करेंगे। यहां प्रस्तुत समाधान केवल प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि सुरक्षित समाज और स्मार्ट गवर्नेंस की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। उत्तराखण्ड पुलिस ऐसे नवप्रवर्तनों को निरंतर सहयोग देती रहेगी।

समारोह में वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिभागियों के उत्साह एवं तकनीकी कौशल की सराहना की। अन्य उपस्थित विशिष्ट जनों में वी. मुरुगेशन – अपर पुलिस महानिदेशक (अपराध एवं कानून व्यवस्था), एपी अंशुमान – अपर पुलिस महानिदेशक (प्रशासन), नीलेश आनन्द भरणे – पुलिस महानिरीक्षक (एसटीएफ/साइबर), कृष्ण कुमार वी.के. – पुलिस महानिरीक्षक दूरसंचार, नवनीत सिंह – वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ, अजय सिंह – वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून, कुश मिश्रा – सहायक पुलिस अधीक्षक साइबर उत्तराखण्ड, मोहित अग्रवाल – निदेशक, DBS Global University आदि शामिल रहे।

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