अटल बिहारी बाजपेयी भारतीय राजनीति के प्राण पुरुष थे: कैलाश विजयवर्गीय
भाजपा प्रदेश मुख्यालय में श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपेयी की जन्म जयंती पर भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने उनको स्मरण करते हुए कहा कि आज के दिन का जो महत्व है उसका संपूर्ण विश्व सुशासन दिवस के रूप में मना रहा है। मेरा सौभाग्य रहा कि उनके साथ प्रवास भी किया और कार्य काम भी किया। विद्यार्थी परिषद में उनके सानिध्य में अनेकों बार बतौर एक छात्र की तरह मार्गदर्शन मिला। वह सहजता, सरलता और देश के उत्कर्ष के राजनीति के लिए निरंतर चिंतित रहते थे। विश्व मंच पर जिस प्रकार उन्होंने देश का नेतृत्व किया वह आज सभी के लिए अनुकरणीय हैं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा तत्कालीन भारत के प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने जब उन्हें विश्व में भारत का नेतृत्व करने के लिए भेजा तो उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री और सरकार की विश्व पटल पर प्रशंसा करी तो कुछ पत्रकारों ने उस समय अटल बिहारी बाजपेई से यह प्रश्न किया कि आपने भारत सरकार और प्रधानमंत्री की तारीफ करी जबकि आप विपक्ष के नेता है तो उन्होंने कहा कि मैं पार्टी का झंडा पार्टी मुख्यालय में छोड़ कर आया हूं और भारत के झंडे को अपने साथ लेकर आया हूं। इतने महान व्यक्तित्व के धनी अटलजी ही हो सकते थे। वे सदैव भारत की आत्मा की विचारों से बंधे हुए थे। विशाल हृदय में उनके लिए हर किसी के लिए स्थान प्राप्त था। कई बार उन्होंने संसद में कहा बिकाऊ माल जैसी इन बातों पर विश्वास नहीं करता यहीं से उनकी परिपक्व राजनीति की झलक हम सभी के लिए एक आदर्श पुरुष के रूप में स्थापित होती है।
इस अवसर पर कैलाश विजयवर्गीय ने उनकी कविता को इंगित करते हुए उत्तराखंड के आने वाले चुनाव के लिए एक रूपरेखा के रूप में प्रस्तुत किया। “कदम मिलाकर चलना होगा”… उन्होंने कहा सुशासन का मतलब अच्छा प्रशासन देना और दरिद्र नारायण के सपनों को साकार करना ही होता है। जिस तरीके से गंगा से निकला हुआ जल पवित्र होता है उसी प्रकार विगत 7 वर्षों से नरेंद्र मोदी की सरकार में भ्रष्टाचार का एक रुपए का भी आरोप नहीं है वह भी गंगा की तरह एकदम शुद्ध और स्पष्ट वादी भारत की राजनीति के प्रतीक हैं। आज शीर्ष स्तर पर भ्रष्टाचार बनवास धारण कर लिया है। उन्होंने मोदी का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का उत्तराखंड के प्रति एक विशेष लगाव और स्नेह है उन्होंने जीवन के कुछ महत्वपूर्ण क्षण उत्तराखंड के केदारनाथ में गुजरा और वह केदारनाथ से विशेष लगाव भी रखते हैं। यह आप सभी उत्तराखंड वासी देखते भी हैं और वह उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के लिए भी हमेशा चिंतित रहते हैं और यहां से हमेशा संपर्क और संवाद निरंतर समय देते हैं।
कैलाश ने कहा देश में प्रधानमंत्री सड़क योजना लागू कर गांव की सड़कों को शहर से जोड़ना एक अनुकरणीय उदाहरण है। अटल जी हमेशा देशहित में सोचते रहे। वह हमेशा चाहते रहे कि पड़ोसी देशों से दोस्ताना संबंध रहे।
उन्होंने कहा कि यह देश एवं प्रदेश वासियों के लिए गौरव का विषय है कि आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जैसे विराट व्यक्तित्व और उत्तराखण्ड राज्य निर्माता भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती सुशासन दिवस के रूप में माना रहे है यह पूरे प्रदेश वासियों के लिए हर्ष का विषय है। वह एक राजनेता ही नहीं बल्कि ओजस्वी, तेजस्वी व यशस्वी महापुरुष थे, जो स्वभाव से बहुत विनम्र थे। जिन्होंने समूचे विश्व में शांति, प्रेम व सद्भावना का संदेश दिया। उन्होंने कहा अपनी असाधारण योग्यता व प्रतिभा के परिणामस्वरूप वह आज भी करोड़ों लोगों के हृदय पर राज करते हैं। यही कारण है कि उनको करोड़ों हृदय का सम्राट भी कहा जाता है। वह उदारवादी थे और जीवन में उच्च मूल्यों को कभी नहीं छोड़ा। एक सर्वसम्मत नेता के रूप में उन्होंने दुनिया में अपनी विशेष पहचान कायम की।
हालांकि, अधिक वर्षों तक वह प्रतिपक्ष में रहे और सरकार के जनविरोधी निर्णयों की मुखालफत करते व जनहित में रचनात्मक सुझाव देते और सरकार के अच्छे कार्यों की प्रशंसा भी करते। वह अपने भाषणों से करोड़ों लोगों को मंत्रमुग्ध कर देते थे। उनकी विचारधारा प्रखर राष्ट्रवादी थी, जिसने राष्ट्र को समॢपत करोड़ों लोगों को प्रेरणा दी। वह अपने उद्बोधन में अक्सर कहा करते थे, ‘‘यह देश जमीन का टुकड़ा मात्र नहीं है, बल्कि जीता जागता राष्ट्र पुरुष है। इस पावन धरती का कंकर-कंकर शंकर है, बूंद-बूंद गंगाजल है। भारत के लिए हंसते-हंसते प्राण न्यौछावर करने में गौरव और गर्व का अनुभव करूंगा।’’
कौशिक ने कहा कि आपातकाल के बाद 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी की जीत हुई थी और वे मोरारजी भाई देसाई के नेतृत्व वाली सरकार में विदेश मामलों के मंत्री बने. विदेश मंत्री बनने के बाद वाजपेयी पहले ऐसे नेता थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा को हिंदी भाषा में संबोधित किया. इससे पहले इस विश्व मंच पर किसी ने हिंदी में भाषण नहीं दिया था। 27 मार्च, 2015 को उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर शौर्य डोभाल ने कहा जब हम अटल बिहारी वाजपेई को याद करते हैं तो राजनीतिक व्यक्ति होने के नाते मूल्य आधारित राजनीति का विचार हम सभी के सामने आता है। आज विश्व उनके राजनीतिक मूल्यों का अनुसरण कर रहा है और इस विचार से ही आज भारतीय जनता पार्टी केंद्र में और अनेक राज्यों में स्थापित हुई है। उन्होंने कहा “बेस्ट पॉलिटिक्स – बेस्ट गवर्नमेंट” अगर इस विचार पर हम आगे लेकर चलेंगे तो हमें जनता बार बार मौका देगी। हमने जो भारत के लिए सपने देखे हैं और अटल बिहारी बाजपेई ने जी ने अपने वक्तव्य में अनेक मंचों से प्रस्तुत किया है उसको हम पूर्ण कर पाएंगे।
कार्यक्रम का संचालन प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने किया।इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, चुनाव सह प्रभारी सरदार आरपी सिंह, प्रदेश महामंत्री (संगठन) अजेय, प्रदेश कोषाध्यक्ष पुनीत मित्तल, प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल गोयल, ज्योति प्रसाद गैरोला, प्रदेश महामंत्री राजेंद्र भंडारी, प्रदेश कार्यालय सचिव कौस्तुभ आनंद जोशी, पदाधिकारी गण, विशिष्ट महानुभाव व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।