नगर पालिका परिषद रामनगर की अनोखी पहल बनी देश के लिए मिसाल, किचन वेस्ट से गौ माताओं का पोषण …………

नगर पालिका परिषद रामनगर की अनोखी पहल बनी देश के लिए मिसाल, किचन वेस्ट से गौ माताओं का पोषण …………

दिनांक : 2025-07-01 11:48:00

रामनगर : उत्तराखण्ड के नैनीताल जनपद में स्थित रामनगर नगर पालिका परिषद् ने स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत एक सराहनीय और अनोखी पहल की है। यह पहल न केवल नगर को स्वच्छ बनाए रखने में मील का पत्थर साबित हो रही है, बल्कि इसके माध्यम से गौ माता की सेवा भी सुनिश्चित की जा रही है। नगर पालिका परिषद् रामनगर द्वारा संचालित इस पहल के अंतर्गत नगर के विभिन्न घरों से प्रतिदिन रसोई में उत्पादित जैविक अपशिष्ट (किचन वेस्ट) एकत्र किया जाता है। इस किचन वेस्ट को वैज्ञानिक तरीके से प्रोसेस कर उसे स्थानीय गौशालाओं में रह रही गौ माताओं के आहार के रूप में उपयोग में लाया जा रहा है। नगर पालिका परिषद् रामनगर की यह पहल, जिसमें रसोई से निकलने वाले जैविक अपशिष्ट (किचन वेस्ट) को वैज्ञानिक तरीके से प्रोसेस कर स्थानीय गौशालाओं में रह रही गौ माताओं को पौष्टिक आहार के रूप में खिलाया जा रहा है, एक प्रेरणादायक मॉडल के रूप में उभर कर सामने आई है।

रामनगर, नैनीताल जनपद का यह छोटा सा शहर, जो अपनी वन्यजीवों की अद्भुत झलक और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है, आज ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के तहत एक ऐसी अनूठी पहल के माध्यम से चर्चा में है जो रसोई-घर से निकलने वाले किचन वेस्ट के निपटान के साथ-साथ गौवंश के पोषण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस पहल का नाम है “गौ ग्रास एकत्रण”, जिसका संचालन नगर पालिका परिषद् रामनगर पिछले कई वर्षों से सफलतापूर्वक कर रही है।

यह अभिनव पहल प्रतिदिन नगर के घरों से उत्पन्न होने वाले किचन वेस्ट को वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधित कर रही है और साथ ही स्थानीय गौवंश के लिए पौष्टिक आहार की व्यवस्था भी कर रही है। इस योजना के तहत, प्रत्येक सुबह नगर पालिका कार्यालय से दो विशेष रूप से तैयार किए गए ‘गौ ग्रास एकत्रण’ वाहन निकलते हैं। ये आधुनिक ई-लोडर शहर के विभिन्न इलाकों में घूमकर घरों से किचन वेस्ट जैसे सूखी रोटी, फल-सब्जी के छिलके आदि को एकत्रित करते हैं।

प्रत्येक ई-लोडर को इस प्रकार से मॉडिफाई किया गया है कि उसमें 100 किलोग्राम की क्षमता वाले चार स्टील ड्रम लगे हुए हैं। यह व्यवस्था घरों से निकलने वाले किचन वेस्ट की मात्रा को ध्यान में रखकर की गई है। इन वाहनों के माध्यम से प्रतिदिन लगभग 800 किलोग्राम किचन वेस्ट को घरों से उठाकर पास के गोसदन में भेजा जाता है।

गोसदन पहुँचने पर, एकत्रित किचन वेस्ट में से गौवंश के आहार के लिए योग्य सामग्री को सावधानीपूर्वक अलग कर लिया जाता है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि केवल वही सामग्री गौवंश को खिलाई जाए जो उनके स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो। इस प्रकार, यह पहल न केवल कचरा प्रबंधन में सहायक है, बल्कि यह स्थानीय गौधन के लिए एक नियमित और पौष्टिक आहार का स्रोत भी बन रही है। एकत्रित किचन वेस्ट में से गौवंश के लिए उपयोगी सामग्री को अलग करने के बाद, शेष बचे अपशिष्ट का उपयोग जैविक खाद बनाने में किया जाता है। यह एक दोहरी जीत है, जहाँ एक ओर किचन वेस्ट का सुरक्षित निपटान हो रहा है, वहीं दूसरी ओर जैविक खाद का उत्पादन कर भूमि की उर्वरता बढ़ाई जा रही है।

नगर पालिका परिषद् रामनगर की इस महत्वपूर्ण पहल में नगरवासियों का भी पूर्ण सहयोग मिल रहा है। लोग अपने घरों से निकलने वाले किचन वेस्ट को एक साफ डिब्बे में अलग से रखते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि उसमें किसी अन्य प्रकार का अपशिष्ट न मिले। इस जन-सहयोग के कारण ही, नगर पालिका परिषद् रामनगर प्रतिमाह लगभग 24,000 किलोग्राम किचन वेस्ट का प्रभावी ढंग से निपटान करने में सफल हो रही है।

‘स्वच्छ भारत मिशन’ के तहत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए नगर पालिका परिषद् रामनगर द्वारा किए जा रहे इन प्रयासों को जनपद, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है और इसके लिए पुरस्कृत भी किया गया है। रामनगर की यह “गौ ग्रास एकत्रण” पहल न केवल कचरा प्रबंधन का एक उत्कृष्ट मॉडल है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और गौवंश के प्रति संवेदनशीलता का भी एक जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करती है।

 

अपर निदेशक शहरी विकास विभाग उत्तराखंड डॉ. ललित नारायण मिश्र ने बताया कि नगर पालिका परिषद् रामनगर के द्वारा की गई इस पहल से केवल शहर की स्वच्छता नहीं, बल्कि गायों के लिए पोषणयुक्त आहार की व्यवस्था करना भी है। इस योजना से एक ओर जहां रसोई अपशिष्ट का प्रभावी निपटान हो रहा है, वहीं दूसरी ओर बेसहारा गौवंश को नियमित रूप से पोषण मिल रहा है।

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