नीतीश कुमार 10वीं बार बने बिहार के मुख्यमंत्री, गांधी मैदान में भव्य शपथ ग्रहण समारोह
दिनांक : 2025-11-20 15:18:00
पटना: बिहार की राजनीति के ‘चाणक्य’ कहे जाने वाले जनता दल (यूनाइटेड) के नेता नीतीश कुमार ने आज रिकॉर्ड 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित भव्य शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने नीतीश कुमार को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित एनडीए शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे।
नीतीश कुमार के साथ भाजपा के सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके अलावा कुल 26 मंत्रियों ने भी शपथ ग्रहण की, जिसमें भाजपा और जदयू के कोटे से मंत्री शामिल हैं। कैबिनेट में एक मुस्लिम चेहरा (जमा खान), तीन महिलाएं और कुछ नए चेहरे भी शामिल किए गए हैं।
एनडीए की प्रचंड जीत का नतीजा
हाल ही में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए ने 243 सीटों में से 202 सीटें जीतकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी (89 सीटें), जबकि जदयू ने 85 सीटें हासिल कीं। छोटे सहयोगी दलों जैसे लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 19, हम को 5 और रालोमो को 4 सीटें मिलीं। वहीं, महागठबंधन को मात्र 35 सीटों से संतोष करना पड़ा।
चुनाव परिणाम आने के बाद 19 नवंबर को नीतीश कुमार को एनडीए विधायक दल का नेता चुना गया। उन्होंने कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर इस्तीफा देकर नई सरकार बनाने का दावा पेश किया। आज का शपथ ग्रहण समारोह 2010 के बाद गांधी मैदान में पहली बार इतने बड़े स्तर पर आयोजित किया गया, जो एनडीए की मजबूती और नीतीश की लोकप्रियता का प्रतीक माना जा रहा है।
नीतीश का रिकॉर्डतोड़ सफर
पहली शपथ: मार्च 2000 (केवल 7 दिन का कार्यकाल)
दूसरी से दसवीं: 2005 से अब तक कई बार गठबंधन बदलते हुए मुख्यमंत्री बने।
नीतीश कुमार अब बिहार में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं (19 वर्ष से अधिक)। यदि यह कार्यकाल पूरा हुआ तो वे देश में सबसे लंबे समय तक सीएम रहने वाले सिक्किम के पूर्व सीएम पवन चामलिंग का रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं।
नीतीश कुमार ने शपथ लेते ही बिहार के विकास और सुशासन की निरंतरता पर जोर दिया। समारोह में उमड़ी भारी भीड़ ने साफ कर दिया कि ‘सुशासन बाबू’ की लोकप्रियता बरकरार है। एनडीए की इस जीत को महिलाओं के समर्थन, कल्याणकारी योजनाओं और मोदी-नीतीश की जोड़ी का कमाल माना जा रहा है। बिहार अब नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने को तैयार है। नई सरकार से राज्य में विकास की नई गति की उम्मीद जगी है।

