RJD नेता जगदानंद सिंह का सनसनीखेज आरोप- ‘हर EVM में पहले से थे 25 हजार वोट’, बैलेट पेपर की मांग तेज
दिनांक : 2025-11-19 15:45:00
पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में करारी हार के बाद राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाते हुए ईवीएम में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप लगाया है। पार्टी की पहली महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक सोमवार को पटना में आयोजित की गई, जिसमें तेजस्वी यादव को सर्वसम्मति से एक बार फिर विधायक दल का नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चुना गया। बैठक में RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, सांसद मीसा भारती सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
चुनाव में NDA की प्रचंड जीत (243 में से 202 सीटें) के सामने महागठबंधन बुरी तरह पिछड़ गया। RJD मात्र 25 सीटें ही जीत पाई, जो 2020 के 75 सीटों की तुलना में भारी गिरावट है। बैठक के बाद पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने मीडिया से बातचीत में सनसनीखेज दावा किया कि हर ईवीएम में पहले से करीब 25 हजार वोट ‘कैद’ थे। उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद नहीं थी कि चुनाव में राजद की ऐसी स्थिति होगी। फिर भी हमारे 25 विधायक जीत गए, यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है।”
जगदानंद सिंह ने आगे आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष ने परिस्थितियां बदलने के लिए ‘विशेष उपाय’ किए। उन्होंने सवाल उठाया, “लोकतंत्र की प्रक्रिया में अगर छेड़छाड़ होने लगे तो देश किस दिशा में जाएगा? क्या लोकतंत्र कोई व्यापार है जिसमें धोखाधड़ी चलती रहे?” संविधान बचाने की बात करते हुए उन्होंने ईवीएम में गड़बड़ी को चुनाव परिणामों का बड़ा कारण बताया।
बैठक में मौजूद मनेर से नवनिर्वाचित RJD विधायक भाई वीरेंद्र ने भी जगदानंद के सुर में सुर मिलाया। उन्होंने कहा, “हम बैलेट पेपर वाले चुनाव में जीतते हैं, ईवीएम वाले चुनाव में हारते हैं। ईवीएम में चोरी हुई है और इसके खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी।” भाई वीरेंद्र ने तेजस्वी यादव को नेता चुनने की प्रक्रिया की सराहना करते हुए कहा कि पार्टी उनके निर्देशों पर काम करेगी।
RJD नेताओं के इन आरोपों से बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा हो गई है। पार्टी का मानना है कि तकनीकी गड़बड़ियों ने परिणामों को सीधे प्रभावित किया। RJD अब राष्ट्रीय स्तर पर ईवीएम की समीक्षा और बैलेट पेपर की वापसी की मांग को तेज करने की तैयारी में है। कुछ नेताओं ने अदालत जाने का भी संकेत दिया है।
दूसरी ओर, चुनाव आयोग बार-बार ईवीएम की सुरक्षा और विश्वसनीयता पर जोर देता रहा है। आयोग का कहना है कि ईवीएम से किसी तरह की हेराफेरी संभव नहीं है। NDA की इस ऐतिहासिक जीत को विकास और नीतीश कुमार-मोदी की जोड़ी का करिश्मा बताया जा रहा है, जबकि विपक्ष इसे ‘ईवीएम की सुनामी’ करार दे रहा है।
