उत्तराखण्ड रजत जयंती वर्ष : तकनीकी शिक्षा विभाग की राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं का शुभारम्भ, युवाओं के नवाचार को मिला मंच
दिनांक : 2025-11-07 02:05:00
देहरादून : उत्तराखण्ड राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष अवसर पर तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेशभर के पॉलीटेक्निक एवं इंजीनियरिंग संस्थानों के छात्र-छात्राओं के लिए आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं का शुभारम्भ आज राजकीय पॉलीटेक्निक पित्थूवाला, देहरादून में हुआ। मुख्य अतिथि डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, सचिव तकनीकी एवं उच्च शिक्षा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन किया।
समारोह में निदेशक तकनीकी शिक्षा द्वारा मुख्य अतिथि सहित विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया गया। छात्राओं ने स्वागत गीत एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर माहौल को जीवंत बना दिया। अपने संबोधन में निदेशक ने कहा कि सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा की उपस्थिति विभाग के लिए ऊर्जा एवं प्रेरणा स्रोत है। उन्होंने राज्य आंदोलनकारियों व शहीदों को नमन करते हुए कहा कि रजत जयंती वर्ष केवल उत्सव नहीं, बल्कि उत्तराखण्ड के तकनीकी भविष्य को नई दिशा देने का अवसर है।
मुख्य अतिथि डॉ. सिन्हा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि “जीत या हार से अधिक महत्वपूर्ण है भागीदारी। तकनीकी शिक्षा ही राष्ट्र निर्माण की रीढ़ है, और युवा वर्ग को तकनीक में नवाचार हेतु धैर्य, जिज्ञासा और शोध की भावना विकसित करनी चाहिए।” उन्होंने प्रतियोगिताओं का औपचारिक शुभारम्भ करने की घोषणा की।
इस अवसर पर प्रदर्शनी में विद्यार्थियों द्वारा तैयार किए गए हैकाथॉन मॉडल, फोटो और स्केचिंग पोट्रेट्स आकर्षण का केंद्र रहे।
प्रतियोगिता परिणाम—
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क्विज प्रतियोगिता :
प्रथम – श्वेतांग वत्स एवं अनुराग उपाध्याय (केएलपी रूड़की)
द्वितीय – अनुज पंवार व सुयश कुमांई (राजकीय पॉलीटेक्निक उत्तरकाशी)
तृतीय – कमल भट्ट व तरुण पंत (राजकीय पॉलीटेक्निक लोहाघाट) -
एक्सटेम्पोर प्रतियोगिता :
प्रथम – नीरज सिंह मेहरा (राजकीय पॉलीटेक्निक बेरीनाग)
द्वितीय – पवन तिवारी (राजकीय पॉलीटेक्निक ताकुला)
तृतीय – आयुष बोहरा (राजकीय पॉलीटेक्निक लोहाघाट)
अंत में डॉ. राजेश उपाध्याय, कुलसचिव वीएमएसबी विश्वविद्यालय ने सभी अतिथियों व प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। इस दौरान तकनीकी शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न पॉलीटेक्निक संस्थानों के प्रधानाचार्य, शिक्षण एवं गैर-शिक्षण कर्मी उपस्थित रहे।

