उत्तराखंड : भारी बारिश से तबाही, कहां-कहां हुआ नुकसान, पढ़ें पूरी रिपोर्ट
रुद्रप्रयाग: भारी बारिश का दौर जारी है। प्रदेशभर से भारी नुकसान की खबरें सुबह से ही सामने आ रही हैं। चमोली में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। वहीं, केदारनाथ पैदल मार्ग पर बड़ी लिंचलोली के पास बीते देर रात बादल फटने की घटना सामने आई है। बादल फटने से टेंटों में सो रहे करीब छह लोग फंस गए। जिनमें से पांच लोगों को निकाल लिया गया है। एक व्यक्ति अभी भी फंसा हुआ है।छानी कैंप में तीन दुकानों को नुकसान पहुंचा है। पैदल मार्ग पूर्ण तह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गौर हो कि बीते देर रात से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण मंदाकिनी और अलकनंदा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है।
लिनचोली में गदेरा उफान पर आने से टेंट में रह रहे एक नेपाली मूल के व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि एक लापता चल रहा है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि लिनचोली क्षेत्र अंतर्गत दिनांक रात्रि अतिवृष्टि होने के कारण खाली कैंप से पहाड़ी की तरफ गधेरे में नेपाली बसावट में मलवा आने से कपिल बहादुर पुत्र कालू बहादुर उम्र 27 वर्ष सुखद कैलाली आंचल शेती नेपाल की मलबे में दबने से मौत हो गई।
रुद्रप्रयाग में बेलनी पुल के पास हनुमान मंदिर भी अलकनंदा नदी के जलस्तर बढ़ने से डूब चुका है.केदारनाथ पैदल रास्ते पर बड़ी लिंचलोली के पास बीते देर रात बादल फटने से टेंटों में सो रहे करीब छह लोग फंस गए. जिनमें से पांच लोगों को निकाल लिया गया है. वहीं भारी बारिश से जिले में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
ऋषिकेश की मोहन चट्टी में एक रिसार्ट मलबे से दब गया। एक परिवार के यहां दबने की आशंका है। पुलिस और एसडीआरएफ की टीम वहां तक नहीं पहुंच पा रही है। चारों तरफ से सड़कें अवरुद्ध है। डीएम पौड़ी की ओर से जेसीबी भेजी गई है। एसएसपी श्वेता चौबे ने कहा कि स्थानीय लोग की मदद से जानकारी जुटाई जा रही है।
मोहन चट्टी में हुई यह घटना मध्य रात 2:00 बजे की बताई गई है। यहां तक पहुंचने वाले वाया नीलकंठ ,वाया गरुड़ चट्टी सभी रास्ते बंद हैं। पूरे प्रखंड की स्थिति अच्छी नहीं बताई जा रही है। मोहन चट्टी में एक रिसार्ट के ऊपर भारी बारिश का मलबा आने से रिसार्ट के भीतर एक परिवार के दबे होने की आशंका जताई गई है।
देहरादून के मालदेवता क्षेत्र में आपदा का माहौल बन गया है। बादल व नदी ने रौद्र रूप ले किया है। कई स्थानों पर खेत व पुस्ते ढह गए। पीपीसीएल पुल के पास स्थित एक निजी संस्थान का भवन भरभरा कर धराशायी हुआ। सड़कों पर नदी बहने लगी। क्षेत्रवासियों ने घर खाली कर दिए। कई गांवों का संपर्क कट गया है।
कोटद्वार आसपास के क्षेत्र में बीती रात से लगातार बारिश चल रही है। बारिश के कारण जहां एक और राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित हो गया है, वहीं नदियों का भी जल स्तर बड़ा है। खोह नदी के उफान पर आने से सोमवार सुबह नदी तट पर बसे कुछ मकान नदी में समा गए। हालांकि गृह स्वामी पूर्व में ही इन मकानों को छोड़ चुके थे।
उत्तरकाशी में सुबह से वर्षा हो रही है। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग धरासू के पास अवरुद्ध है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग धरासू बैंड और डाबरकोट के पास अवरुद्ध हुआ है। वर्षा होने के कारण अभी राजमार्ग को सुचारू करने का कार्य शुरू नहीं हो पाया है। भारी वर्षा के चलते हरिद्वार में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। इसे देखते हुए जिलाधिकारी धीराज सिंह की ओर से कक्षा 1 से 12 तक के विद्यालयों के अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित किया गया है।